Sat. Apr 20th, 2024

पालन करने को प्रेरित करेंगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

 गृह भ्रमण के दौरान नवजात, कुपोषित बच्चों और गर्भवती को प्राथमिकता

– स्तनपान और पूरक आहार के लिए प्रोत्साहित करने के भी निर्देश : डीपीओ

एकता ज्योति संवाददाता

हापुड़ निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार डा. सारिका मोहन की ओर से सूबे के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र भेजकर डोर टू डोर पुष्टाहार वितरण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के प्रति संवेदीकरण के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बताया कोविड के चलते आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। ऐसे में शासन के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अतिकुपोषित बच्चों को घर-घर जाकर पुष्टाहार का वितरण कर रही हैं। गृह भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लाभा‌र्थियों को मास्क और प्रयोग करने और हाथों की सफाई पर ध्यान देने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया गृह भ्रमण के दौरान नवजात शिशु, अति कुपोषित बच्चे (सैम/मैम) तथा पहले त्रैमास की गर्भवती/धात्री महिलाओं और छह माह की आयु पूरी कर चुके शिशुओं को उच्च प्राथमिकता पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अति कुपोषित बच्चों और गर्भवती को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। समय से पुष्टाहार उपलब्ध कराकर इन्हें कोविड संक्रमण के खतरे से बचाए रखना आवश्यक है। इसलिए दलिया, तेल, दलिया और फोर्टिफाइड राइस घर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही कोविड से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करने और नियमित रूप से हाथों की सफाई करते रहने की सलाह दी जा रही है। गृह भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और लाभार्थियों को भी इसके लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

श्री तिवारी ने बताया – गर्भवती/धात्री महिलाओं और बच्चों में कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। गृह भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ परामर्श सेवाओं के अलावा वृद्धि निगरानी और आयरन की गोलियों का वितरण भी कर रही हैं। छह माह‌की आयु पूरी कर चुके बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार देने के लिए प्रेरित करने और अनुपूरक पोषाहार बनाने की विधि और समुचित मात्रा बताने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ यह भी बताना है कि मां के खांसी या कोविड संक्रमण के लक्षण होने पर भी बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखा जाए। स्तनपान कराने से पहले मां अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी से धोने के बाद मास्क लगाकर स्तनपान कराएं। यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में न हो तो कटोरी में मां का दूध निकालकर चम्मच की मदद से शिशु को दिया जाए। 

मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। कोविड काल में बच्चे की बेहतर प्रतिरोधक क्षमता के लिए स्तनपान और जरूरी हो जाता है। साथ ही ऊपर का दूध देने तथा दूध की बोतल का प्रयोग करने की मनाही है। यदि बच्चा लंबे समय से चिडचिड़ा है, मां का दूध नहीं पी रहा तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान पहले त्रैमास की गर्भवती का एएनएम से पंजीकरण कराते हुए एमसीपी (मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन) कार्ड बनवाएं। गर्भवती/धात्री महिलाओं में कोविड के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श दिलाएं। साथ ही गर्भवती/धात्री को कम से कम 180 आयरन और 360 कैलसियम की गोलियां खाने की सलाह अवश्य दें। इसके अलावा आहार  में पत्तेदार सब्जियां, नींबू, संतरा, गाजर, ज्वार- बाजरा, रागी, दूध आदि लेने से शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता बढती है। 

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