- सभी को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए
गाजियाबादः उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के युवा प्रदेश राजू छाबडा ने कहा कि दुपहिया व चार पहिया वाहनों के लिए एनजीटी ने 10 साल एवं 15 साल का जो नियम बनाया है, वह आम जनता के खिलाफ हैं। अतः इस नियम को वापस लिया जाना चाहिए। राजू छाबडा ने कहा कि यह नियम व्यवसायिक वाहनों के लिए तो ठीक है, मगर निजी वाहनों के लिए बिल्कुल भी लागू नहीं होना चाहिये। हम सभी जानते हैं कि निजी वाहन इतने समय में ज्यादा नहीं चल पाते हैं। आवश्यक होने पर ही ये सडक पर निकलते हैं। सभी फैमली की सुविधा के लिए ही वाहन खरीदते हैं ताकि बसों एवं ट्रेनों की भीड़ से बचा जा सके। निजी वाहनों का लोग अपने से भी अधिक ध्यान रखते हैं। जिस तरह हमारे शरीर का यदि कोई अंग बीमार हो जाता है तो उसका इलाज कराकर उसको सही करा लिया जाता है। एक अंग के चलते पूरे शरीर नहीं बदला जाता है ठीक उसी प्रकार वाहन का भी खराब पार्ट बदलकर उसे भी ठीक करा लिया जाता है। अतः वाहन को कन्डम घोषित करना जनता पर अन्याय करना है। बडी मुश्किल से एक-एक पैसा जोडकर लोग वाहन खरीद पाते हैं, मगर एनजीटी के मुट्ठी भर लोगों ने कुछ घंटों की मीटिंग में ही हमारी फैमिली को इस सुविधा से वंचित कर दिया जो कि बहुत ही बड़ा अन्याय है। अन्याय के खिलाफ लडना हमारा अधिकार है लेकिन हम सब चुप हैंे और इस अन्याय के विरुद्ध आवाज नहीं उठा रहे हैं। हम सभी को एकता के सूत्र में बंधकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए ताकि सरकार की समझ में आ जाए कि जनता ऐसे गलत व अन्याय करने वाले नियमों को स्वीकार करने वाली नहीं है और एक होकर उसका विरोध करेगी।