Fri. Apr 26th, 2024
  • चुनाव खत्म होते ही प्रतिमा  ऑफिस   से हटा दी

गाजियाबादः अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा रा के सचिव पंडित शर्मा व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पंडित श्रवण कुमार शर्मा ने कहा कि आज राजनीति समाज व देश सेवा के लिए नहीं बल्कि अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए की जाती है। यही कारण है कि चुनाव के समय किए गए वायदों को चुनाव खत्म होते ही भुला दिया जाता है। पूर्व विधायक असलम चैधरी ने भी चुनाव के वक्त  भगवान परशुराम की प्रतिमा को अपने ऑफिस में स्थापित करने का वायदा किया था, जिसे वे चुनाव होते ही भूल गए और चुनाव के बाद भगवान परशुराम के प्रतिमा को ऑफिस से किसी ओर जगह रख दिया।  क्षेत्र के कुछ लोग उनके पास कुछ कार्य से गए तो ऑफिस में भगवान परशुराम की प्रतिमा दिखाई नहीं दी।  लोगों ने इसकी जानकारी उन्हें दी तो उन्होंने पूर्व विधायक से कहा कि भगवान परशुराम की प्रतिमा आपने ऑफिस से हटा दी है। आपने ही चुनाव के समय यह वायदा किया था कि मैं भगवान परशुराम की प्रतिमा को अपने ऑफिस में उचित स्थान दूंगा। अगर आप उचित स्थान नहीं सकते हैं और स्वार्थ के वशीभूत होकर आपने यह सब कार्य किया है तो आप हमारे आराध्य की प्रतिमा को वापसी कर दें।  उसके बाद शाम को पूर्व विधायक ने फोन कर कहा कि भगवान परशुराम जिसको भी मिल जाते हैं वह धन्य हो जाता हैं। इस पर हम लोग हम लोग शांत हो गए लेकिन दो दिन पहले ही उन्होंने फोन कर मुझसे कहा कि अपने आराध्य को ले जाओ। उसके बाद वे उनके घर से भगवान परशुराम की प्रतिमा को ले आए और अपने बुजुर्गों व नौजवानों से क्षमा याचना करते हुए भगवान परशुराम की प्रतिमा को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर ले गए और जलाभिषेक किया तथा दूध व मंत्रों के उच्चारण से अभिषेक किया तो भगवान परशुराम के जयकारों से हर की पौड़ी गूंज उठी। हर की पौड़ी पर  फिर दुबारा  समाज से क्षमा याचना की कि  कभी अपने राजनीतिक जीवन में किसी भी समाज का अपमान नहीं किया। हर समाज का सम्मान किया। किसी को भी स्वार्थ के वशीभूत होकर कभी कोई कार्य नहीं करना चाहिए। पंडित प्रदीप कुमार शर्मा व पंडित श्रवण कुमार शर्मा ने कहा कि आज उनका मन का बोझ हल्का हो गया है। लोग कहते थे लेकिन हम नहीं समझ पाए क्योंकि हमारे मन में तो कभी ऐसा आया ही नहीं कि हमारे साथ राजनीति हो रही है। हमारे समाज के साथ राजनीति हो रही है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से आकर उन्होंने भगवान परशुराम की प्रतिमा क्षेत्र के वशिष्ठ बाबूजी को प्रतिमा सौंप दी और क्षेत्र के नौजवानों, बुजुर्गों, माताओं व बहनों से क्षमा याचना की।

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