- देवी स्वरूपा माता हीराबेन का निधन देश के लिए बडी क्षतिः श्रीमहंत नारायण गिरि
- जूना अखाड़े के सभी मठों में हवन का आयोजन हो रहा है


एकता ज्योति संवाददाता
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को निधन हो गया था। उनकी आत्मा शान्ति के लिये श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर में हवन का आयोजन किया गया। हवन श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद व अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा श्रीमहन्त नारायण गिरि के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों से श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य एवं विद्यार्थियों ने किया। श्रीमहंत नारायण गिरि ने भगवान दूधेश्वर से माता हीराबेन की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की व उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका निधन राष्ट्र के लिये बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने पुत्रों को बहुत ही उत्तम संस्कारों से संस्कृति से सिंचित किया। उनमें से एक पुत्र आज भारत वर्ष के प्रधानमंत्री रूप में देश की सेवा लगे हुये है। माता जी निश्चित ही देवी स्वारूपा थी। उनके इहलोक को छोड़कर देवलोक जाने सभी को दुख है। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहन्त हरि गिरि महाराज, महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहन्त प्रेम गिरि जी महाराज के निर्देश से पूरे भारत वर्ष में जितने भी जूना अखाड़ा के मठ हैं, उन सभी में माता हीराबेन की आत्मा शान्ति के लिये हवन यज्ञ किया गया। आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज व श्रीमहन्त नारायण गिरि महाराज ने सभी सन्तों से आग्रह किया कि हवन यज्ञ करें क्योंकि ऐसी देवी स्वरूपा माता का देवलोक होना निश्चित राष्ट्र को क्षति है। माता हीराबेन सदैव जन जन की सेवा में लगी रहती थीं। उनकी शिक्षाओं के चलते ही राष्ट्र को नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला जो राष्ट्र का विकास करने व जन जन की सेवा के साथ देश को पुन: विश्व गुरु के स्थान पर स्थापित करने के लिये प्रयासरत हैं।